700 से ज्यादा किसानों की शहादत को किया नमन
कपूरथला (समाज वीकली) (कौड़ा)-तीन कृषि विरोधी कानूनों तथा फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांग को लेकर पिछले 1 वर्ष से देश की राजधानी सरहदों पर बैठ कर संघर्ष कर रहे किसानों तथा किसान संगठनों को ऐतिहासिक जीत पर इंडियन रेलवे एंप्लाइज फेडरेशन बधाई दी तथा उनके संघर्ष को दिल से सलाम किया। किसानों, मजदूरों, नौजवानों, औरतों, बुद्धिजीवियों, लेखकों, गायकों, कलाकारों तथा देश के आमलोगों का संघर्ष उस समय रंग लाया। जब देश के प्रधानमंत्री ने 19 नवंबर को श्री गुरु नानक देव जी के 552वे प्रकाश उत्सव के मौके पर राष्ट्र को संबोधन करते हुए तीन कृषि विरोधी कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया।
इंडियन रेलवे एम्पलाईज फेडरेशन के नेताओं सर्वजीत सिंह, महामंत्री, श्री मनोज पांडे, अध्यक्ष, जुमेरदीन, संगठन सचिव, अमरीक सिंह, कार्यकारी अध्यक्ष, राजेंद्रपाल, सहायक सचिव, नरसिंह कुमार कोषाध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा कृषि कानूनों को वापस लेने तथा एमएसपी पर कमेटी के गठन का ऐलान किसान आंदोलन की ऐतिहासिक जीत है। फेडरेशन के नेताओं ने कहा कि सरकार के पिछले रिकार्ड को देखते हुए प्रधानमंत्री जी के ऐलान पर यकीन करना मुश्किल लग रहा है परंतु पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव सरकार की मजबूरी है। फिर भी तीन कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किसान आंदोलन की बहुत बड़ी जीत है और इससे यकीनन देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया को संघर्षशील लोगों को नई ऊर्जा मिलेगी।
इंडियन रेलवे एम्पलाईज फेडरेशन के नेताओं ने कहा स्पष्ट रूप में मोदी सरकार दुनिया भर की के पूंजीपतियों के समर्थन से सत्ता में आई थी और पूंजीपतियों प्रति उसकी प्रतिबद्धता को देखते हुए देश के कर्मचारियों तथा मजदूरों को सतर्क हो जाना चाहिए और संघर्ष के लिए तैयारी शुरू कर देनी चाहिए क्योंकि किसान आंदोलन के चलते सरकार श्रम कानूनों को खत्म तथा देश के सार्वजनिक क्षेत्र का निजीकरण नहीं कर पा रही थी। दूसरी बात की पूंजीपति वर्ग कृषि कानूनों को वापस लेने की भरपाई करने के लिए श्रम कानूनों को निरस्त करने तथा देश में अंधाधुंध निजिकरण करने के लिए मोदी सरकार पर दबाव बनाएगा। इस लिए हमें ऐतिहासिक किसान संघर्ष से सीख लेने की जरूरत है।
इंडियन रेलवे एम्पलाइज फेडरेशन के नेताओं ने कहा कि हमारी फेडरेशन अपने अस्तित्व में आने के बाद से ही नई पेंशन स्कीम तथा रेलवे के निजीकरण के खिलाफ संघर्ष के मैदान में है।हमें किसान संघर्ष तथा उनकी जीत ने नई ऊर्जा ताकत व शिक्षा दी है हम अपनी पूरी ताकत के साथ तमाम संघर्षशील कर्मचारियों तक तथा संगठनों के साथ मिलकर रेलवे के निजीकरण के खिलाफ संघर्ष करने के लिए तैयार हैं उन्होंने तमाम रेलवे कर्मचारियों तथा सभी संघर्षशील संगठनों को एक मंच पर आने की अपील करते हुए कहा कि आओ मिलकर संघर्ष के मैदान में आएं तबी हम सबकी जीत सुनिश्चित होगी।
‘ਸਮਾਜ ਵੀਕਲੀ’ ਐਪ ਡਾਊਨਲੋਡ ਕਰਨ ਲਈ ਹੇਠ ਦਿਤਾ ਲਿੰਕ ਕਲਿੱਕ ਕਰੋ
https://play.google.com/store/apps/details?id=in.yourhost.samajweekly