बेटी के बिना जीवन है अधूरा, – विभूति मनी त्रिपाठी

Vibhooti Mani Tripathi

बेटी के बिना जीवन है अधूरा,
बेटी के बिना परिवार अधूरा ,
बेटी के बिना घर बार अधूरा ,
बेटी के बिना संसार अधूरा…
बेटी से ही यह धरती है ,
बेटी से हर घर में खुशी है,
बेटी हर पल साथ निभाए ,
बेटी ही जीवन महकाए…
हर घर की आन होती हैं बेटियाँ,
हर घर का मान होती हैं बेटियाँ ,
हर घर की शान होती हैं बेटियाँ ,
हर घर की जान होती हैं बेटियाँ…
ओस जैसी कोमल होती हैं बेटियाँ,
रौद्र रूप काली भी होती हैं बेटियाँ,
बेटियाँ ही हर घर का स्वाभिमान होती,
मां बाप का अवलंब भी होती हैं बेटियाँ…

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