बिरसा मुंडा का 144वां महोत्सव बहुत ही श्रदा और उत्साह के साथ मनाया गया

हुसैनपुर (समाज वीकली) (कौड़ा)- संघरा वैलफेयर एसोसिएशन रेल कोच फैक्‍ट्री कपूरथला की ओर से आदिवासियों के अधिकारों की लड़ाई लड़ने वाले महानायक और देश भक्त बिरसा मुंडा का 144वां महोत्सव बहुत ही श्रदा और उत्साह के साथ मनाया गया जिसकी अध्यक्षता संघरा के प्रधान भगवान हैमबरम, बाबा साहिब डा बी आर अंबेडकर सोसायटी के महासचिव धर्म पाल पेंथर, एससी-एसटी एसोसिएशन के जोनल कैशियर सोहन बैठा तथा संघरा की उपाध्‍यक्ष मैडम बिबयाना एक्का ने सांझे रूप में की। मंच संचालन की भूमिका महासचिव शिशिर कुमार सोय ने करते हुए बताया कि महानायक बिरसा मुंडा जी देश की जंगे आजादी के साथ साथ जल, जमीन और जंगल को बचाने के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी। श्रीमिति बिबयाना एक्‍का और श्रीमती बिमला बारला ने बिरसा मुडा के जीवन से संबंधित क्रांतिकारी गीत गा कर समागम की शुरूआत की

   इस शुभ अवसर पर सोसायटी के महासचिव धर्म पाल पेंथर ने बधाई देते हुए कहा कि जो लोग अपने महापुरूषों के इतिहास को भूल जाते है वह अपने भविष्‍य के इतिहास की सृजना नहीं कर सकते। धन हैं वह लोग जो अपने महापुरूषों की विचारधारा को जिंदा रखते हैं। बिरसा मुंडा जी ने समाज को जागरूक करने के लिये शिक्षा पर जोर दिया था। बिरसा मुंडा जी 25 वर्ष की आयु में देश की जंगे आजादी के लिये शहीद हो गये थे। हमें उनके जीवन और मिशन से सेध लेकर समाज को जागरूक करना होगा।

   जोनल कैशियर सोहन बैठा ने कहा कि जन्‍म दिवस उन लोगों के मनाये जाते है जो लोग समाज को उूंचा उठाने और देश की आन शान के लिये अपने अपने जीवन को निशावर कर देते हैं। आदिवासियों के लिये दोहरी खुशी का दिन है क्‍योंकि आज के दिन झारखंड राज्‍य की सथपना हुई थी। सरकार की गलत नीतियों के कारण एसटी लोगों को जंगल, जल, जमीन से उजाड़ा जा रहा है परंतु यह लोग हमारे पर्यावरण को बचाने के लिये संघर्ष कर रहें हैं। अभी भी देश में एसटी लोगों की हालत बहुत ही दयनीय है सरकार को उनको आ रही मुशिकलों की ओर ध्‍यान देना होगा और देश की मुख्‍य धारा में लेकर आना होगा।

    अंबेडकर सोसायटी के  मुख्‍य प्रवक्‍ता श्री निरवैर ने कहा कि एसटी लोग सरकार और पूंजीपतियों से अपना हिस्‍सा मांग रहे है और इनको आतंकवादी घोषित करके मारा जा रहा है। जब तक इन लोगों के साथ अन्‍यायें होते रहेगे तब तक देश में अमन और भाईचारे का महौल नहीं हो सकता।

   समागम में  सुन्दर सिंह मुर्मू , आशीष मरडी, जुगीया उरांव, बिरसिंह सोरेन, मनमोहन लागुरी, संजय केरकेट्टा, सुरेश मुंडा, विशाल लागुरी, जागे उरांव, मन्नु मिंज, बिक्रम हेमबरम ,मुकेश कुमार सोय, अम्रित टोप्पो एवं  निर्मल सिंह आदि बहुत सारे एससी/एसटी भाईचारे के लोग शामिल हुए।

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