दिल्ली में सीवर / सेप्टिक टैंक सफाई मजदूरों की लगातार मौतों का सिलसिला थम नहीं रहा

 

गाजीपुर स्थित पर्ल ग्रैंड बैंक्वेट हॉल में हुई लोकेश और प्रेमचंद की मौत

 नई दिल्ली, (समाज वीकली)-  दलित आदिवासी शक्ति अधिकार मंच (दशम) की टीम दिल्ली के ग़ाज़ीपुर स्थित पर्ल ग्रैंड नाम के बैंक्वेट हॉल में 25 मार्च 2021 को हुई दो सीवर/सेप्टिक टैंक सफाई कर्मचारियों की मौत के सन्दर्भ में उनके परिजनों से मिली। मृतकों का नाम क्रमश लोकेश और प्रेमचंद है और पर्ल ग्रैंड बैंक्वेट हॉल की सेप्टिक टैंक की सफाई के दौरान इन दोनों की मौत हो गई। त्रिलोकपुरी ब्लॉक 8 में मृतकों के परिजनों से मिलने के बाद दशम की जांच टीम ने पुलिस प्रशासन से भी तथ्यों की जानकारी हासिल की।

टीम सबसे पहले मृतक लोकेश (उम्र 40 वर्ष) के घर पहुंची वहाँ उनके छोटे भाई उमेश एवं मौसा जी, जिनका नाम संजय है, उन्होंने घटना की जानकारी दी और बताया कि लोकेश की पत्नी ने रात को 12:00 बजे लोकेश को फोन किया था तो फोन पर राहुल ने बताया की लोकेश की सेप्टिक टैंक मे घुसकर सफाई करने  के दौरान मौत हो गयी है और उसके बाद राहुल ने फोन बंद कर दिया। मृतक लोकेश की पत्नी और दो बच्चे हैं। बड़ी लड़की की उम्र 15 साल और बेटे की उम्र 12 साल है। सीवर सफाई का लोकेश को कोई अनुभव नहीं था वह SBI बैंक ग्रीन पार्क शाखा में चपरासी का काम करता था वो भी दिहाड़ी के तौर पर। राहुल ने किसी मजदूरी के कार्य के लिए लोकेश को फोन करके बुलाया था और बैंक्वेट हॉल के मालिकों ने लोकेश और प्रेमचंद (उम्र 41 वर्ष) दोनों को मजदूरी के लिए बुलाया था और इनको दवाब देकर सेप्टिक टैंक की सफाई करने को कहा, ऐसा उनके परिजनों का कहना है।

दूसरा पीड़ित प्रेमचंद (उम्र 41 वर्ष) जो कि बैरवा समाज से थे  प्रेमचंद शादी की पार्टियों में वेटर और लोडिंग का काम किया करता था उसको भी सेप्टिक टैंक की सफाई के काम का कोई अनुभव नहीं था। प्रेमचंद के परिवार में उनकी पत्नी और दो बेटे अंकुश (15) और सुमित हैं जो क्रमशः 10वीं और 7वीं कक्षा में पढ़ते है। पीड़ित प्रेमचंद के बड़े बेटे के दिल में भी छेद है जिसका लंबे समय से इलाज चल रहा है। इनके परिजनों को इनकी मौत के बारे में खबर नहीं थी। इनके परिवार वालों को अगली सुबह 26 मार्च को 7 बजे पता चला कि प्रेमचंद की मृत्यु हो गयी है और वे लाल बहादुर शास्त्री हॉस्पिटल में है।

टीम इसके बाद पुलिस जाँच अधिकारी से मिलने पटपड़गंज इंडस्ट्रियल एरिया पुलिस स्टेशन पहुंची और वहां ASI राजपाल से मुलाक़ात की। उन्होंने हमें बताया कि यह मामला ACP मधुविहार को ट्रांसफर हो गया है और इसमें SC/ST (PoA) की धारा लगा दी गयी है।

टीम इसके बाद मधुविहार पुलिस स्टेशन पहुंची और ACP अक्षत कौशल के साथ मुलाक़ात की जिसमें उन्होंने जानकारी दी कि इस मामले में चार लोगों की गिरफ़्तारी हुई है जिसमे – राहुल, जो वहाँ पर केयर टेकर था; अमीर खान, जो वहां जनरल मैनेजर था, जिमी जोहित अरोड़ा और गिरीष महेन्द्रू, जो वहां डायरेक्टर थे। राहुल को जमानत मिल गयी है उसे दलित समुदाय से होने के कारण जमानत मिली।

मैन्युअल स्कवेन्जेर्स एक्ट, 2013 और माननीय दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा जारी किये गए दिशा निर्देशों की खुलेआम अवमानना कुछ सरकारी एजेंसियों और सेप्टिक टैंक मालिकों द्वारा की जा रही है जिसके कारण लगातार सीवर/सेप्टिक टैंक की सफाई का काम करने वाले गरीब दलित मजदूरों की सीवर/सेप्टिक टैंक की सफाई के नाम पर हत्यायें हो रही हैं।

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राजधानी में बीते दिनों मे हुए कुछ हादसों का ब्यौरा:

22 मार्च 2021:             नरेला के डीडीए के सीवर में सफाई के दौरान ठेके के कर्मचारी बिजेंदर कुमार की मौत।
02 फ़रवरी 2020:         कड़कड़डूमा में सीवर की सफाई करते हुए रवि की मौत।
28 जून 2019:              केशोपुर बस डिपो के पास सीवर सफाई के दौरान शाहरुख की मौत।
06 अगस्त 2017:          लाजपत नगर में सफाई करते समय जहरीली गैस लगने से तीन सफाई कर्मियों की मौत।
12 अगस्त 2017:          विश्वास नगर के पास एक मॉल के बेसमेंट मे सीवर साफ करते समय सगे भाई जहांगीर और इज़ाज़ की मौत।
20 अगस्त 2017:          लोक नायक जयप्रकाश अस्पताल में सीवर में दम घुटने से सीवर कर्मचारी ऋषि पाल की मौत।

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