जालंधर (समाज वीकली): बाबासाहेब डॉ. अंबेडकर के कामों को दुनिया के कई देशों में स्वीकृति मिल रही है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस ने ‘द एसेंसिअल राइटिंग्स ऑफ़ बी. आर. अंबेडकर’ (अंबेडकर के आवश्यक लेखन) को पहले ही प्रकाशित कर दिया है।। अब इस संस्था ने डॉ. अंबेडकर के संघर्षों, उन्हों द्वारा रचे गए साहित्य और विभिन्न विषयों के आधार पर अंबेडकर के विचारों को पांच खंडों में प्रकाशित करने की घोषणा की है।यह जानकारी एक प्रसिद्ध अंबेडकरवादी और बौद्ध, जालंधर के अंबेडकर भवन के संस्थापक ट्रस्टी श्री लाहोरी राम बाली, जिनको बाबासाहेब डॉ. अंबेडकर के चरणों में 6 साल तक रह कर सीखने का सम्मान प्रापत है, ने एक प्रेस बयान में दी ।
श्री बाली ने कहा कि यह घोषणा प्रकाशन गृह ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस द्वारा भारत के पहले कानून और न्याय मंत्री की 129 वीं जयंती के अवसर पर की गई थी। डॉ. अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल, 1891 को महू (मध्य प्रदेश) में हुआ था। इस नए ग्रन्थ का नाम ‘बी. आर. अंबेडकर: द क्वेस्ट फॉर जस्टिस (बीआर अंबेडकर: न्याय की तलाश) है और इस में सामाजिक, राजनीतिक, कानूनी, आर्थिक, लिंग, जातीय, धार्मिक और सांस्कृतिक न्याय के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा है। इसका संपादन लेखक आकाश सिंह राठौर ने किया है। प्रकाशन हाउस ने घोषणा में कहा कि इन पांच खंडों में सामाजिक असमानता, विविधता और बहिष्कार का सामाजिक विश्लेषण है।
श्री बाली ने आगे कहा कि 1935-36 की अवधि के दौरान लिखी गई बाबासाहेब की 20-पेज की आत्मकथात्मक कहानी “वेटिंग फॉर ए वीजा” (वीजा की प्रतीक्षा), उनकी हस्त लिखत में अस्पृश्यता के अपने अनुभवों से संबंधित यादें ताज़ा हो जाती हैं और इस पुस्तक का उपयोग कोलंबिया विश्वविद्यालय में एक पाठ्यपुस्तक के रूप में किया जाता है।
(एल. आर. बाली)
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