चौथा अशोक विजय दशमी महोत्‍सव श्रद्धा और हर्षोल्‍लास के साथ मनाया गया

हुसैनपुर समाज वीकली (कौड़ा)- अशोक विजय दशमी महोत्‍सव कमेटी, रेल कोच फैक्‍ट्री, कपूरथला की ओर से चौथा अशोक विजय दशमी महोत्‍सव रेल कोच फैक्‍ट्री में बहुत ही श्रद्धा और हर्षोल्‍लास के साथ नाया गया जिसकी प्रधानगी सीनियर ईडीपीएम भरत सिंह, अंतरराष्‍ट्री लेखक बी. आर. सांपला और उनकी धर्म पत्‍नी प्रकाशो सांपला, आल इंडिया एससी/एसटी के जोनल प्रधान जीत सिंह, ओबीसी एसोसिएशन के जोनल प्रधान उमां शंकर सिंह, डा. अंबेडकर सोसायटी के महासचिव धर्म पाल पैंथर, गुरू रविदास सेवक सभा के प्रधान क्रिशन सिंह, बाबा जीवन सिंह सोसायटी के प्रधान हरविंदर सिंह खैहरा, संघरा के प्रधान एस के सोये, भारतीय बोध महासभा के प्रधान तेज पाल सिंह बोध एवं इन्‍साफ से आर के पाल आदि ने सांझे तौर पर की ।

स्‍टेज का संचालन ओबीसी एसोसिएशन के जोनल सचिव वीर प्रकाश  ने कार्यवाही को विधीवत तरीके से चलाया। सुरेश च्रद्र बोध ने पंचशील और त्रिशरन का पाठ करवाया। जीत सिंह ने भारतीय संविधान की प्रस्‍तावना का शपथ दिलवाकर समागम को शुरूआत करवाया।

सबसे पहले हाथरस घटना का शिकार हुई भारत की बेटी मनीशा वालमीकि और भोगपुर टांडा की 6 साला बच्‍ची जिसको बलातकार करने के बाद अरोपियों ने जला दिया गया के संबंध में दो मिन्‍ट का मौन धारन करके श्रदांजलि दी गई।

इस शुभ मौके पर बधाई देते हुए मा. बी. आर. सांपला ने बताया कि अशोक विजय दशमी  का संबंध महामानव बुद्ध , सम्राट अशोक और बाबा साहिब डॉ अंबेडकर की ओर से शुरू की गई धम्‍म क्रांति से है।  डॉ अंबेडकर ने विजय दशमी वाले दिन नागपुर की धरती पर अपने लाखों अनुयाईयों के साथ बुध धम्‍म  में प्रवेश किया था। हमें महापुरूषों की ओर से शुरू की गई धम्‍म क्रांति  की लहर को लगातार जारी रखना होगा। अंत में सांपला ने देश में महिलाओं और बच्‍चीओं पर हो रहे बलातकारों की घटनाओं पर चिंता जहर करते हुए कहा कि जब जक जबर जुल्‍म के खिलाफ अरोपियों के नक में दम नहीं करते तब तक ऐसी घटनाएं होती रहेगी। उन्‍होंने अपनी ओर से बुध धम्‍म को समर्पित  लिखी हुई किताबें प्रतेक संस्‍था  को तीन तीन दर्जनों को सैट भेंट किया।

इनके अलावा समागम को संबोधित करते हुए जीत सिंह, आर सी मीणा, सोहन बैठा, उमां शंकर सिंह, आर के पाल, अरविंद कुमार, धर्म पाल पैंथर, धनी प्रसाद, ब्रहम पाल सिंह, तेज पाल सिंह बोध, पूरन सिंह, मैडम गीतांजलि एवं एस के सोये ने सांझे तौर पर एक सुर में कहा कि आज पूरी दुनिया मारू हथियारों  की ओर बढ़ रही है और मनुष्‍य का विनाश होना निशचित है। दुनिया को आज युद्ध नहीं बुध की जरूरत है।

बुद्ध ने दुनिया को अहिंसा का संदेश दिया। सभी प्रवक्‍ताओं ने कहा कि बाबा साहिब डॉ अंबेडकर ने भारतीय संविधान जो तथागत बुद्धा की विचारधारा समानता आजादी, भाईचारा और न्‍यायें के अधारित पर तैयार किया गया था आज देश की सरकारों मानवतावादी संविधान को बदल कर मनुवादी विचाधारा को लागू करने की कोशिश कर कर रही है। जिसको किसी भी हालत में लागू नहीं होने दिया जायेगा। इस मौके पर प्रधानगी मंडल की ओर से  एससी/एसटी के जोनल प्रधान जीत सिंह के द्धारा दलित इतिहास के महानायक जोगिंदर नाथ मंडल के जीवन और संघर्ष संबंधी किताब को जारी किया गया। एससी/एसटी के जोनल वर्किंग प्रधान रणजीत सिंह ने आये हुए सभी धम्‍म बुधुओं धन्‍यवाद किया गया। 

समागम को सफल बनाने के लिये संधूरा सिंह, जसपाल सिंह चौहान, देस राज, राजेश कुमार, मेजर सिंह, संतोख राम जनागल, कशमीर सिंह, निरवैर सिंह, अवतार सिंह मौड़, के एस खोखर, भगवान हैमबरम, बदरी प्रसाद, सुनीश कुमार पूर्व सरपंच कडालकलां आदि भारी गिणती में मिशनरी महिलाओं ने प्रमुख्‍य भूमिका निभाई।    

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