कोरोना हिंदुस्तान में………..

 

– विभूति मनी त्रिपाठी 

एक बात सच ही कही गई है कि, हम कितना भी आधुनिक क्यों ना हो जायें, हमें इस बात का ध्यान रखना पड़ेगा कि, हम पहले क्या थे और आज की तारीख में हम क्या हैं। आज हम जिस तरफ देखते हैं कुछ ना कुछ ऐसा दिख रहा है, जिसके बारे में पहले कभी ना तो कुछ सुनाई दिया और ना ही पहले कोई ऐसा रिकॉर्ड मौजूद है। इस समय पूरी दुनिया में कोरोना वायरस आतंक का पर्याय बन चुका है, इस समय दुनिया का कोई भी ऐसा देश नहीं है, जहां पर इस वायरस को लेकर लोग डरे और सहमे हुए ना हों । कोरोना वायरस के संक्रमण का मुख्य केंद्र चीन का वुहान प्रांत है, दुनिया के नक्शे पर इसका अपना एक वजूद है और कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से अब लंबे वक्त तक वुहान शहर को याद किया जाएगा ।

कोरोना वायरस के बारे में अगर कहा जाए तो उसका आकार कांटो जैसा होता है, कांटो जैसा दिखने के कारण ही इसका नाम कोरोना पड़ा है । इसका सबसे ज्यादा प्रभाव फेफड़ों पर पड़ता है और यह फेफड़ों पर घातक संक्रमण करता है, संक्रमण की वजह से जो भी व्यक्ति इससे संक्रमित होता है, उसके शरीर के तापमान में बढ़ोतरी होती है, बुखार आता है, बुखार के बाद खांसी , सांस लेने में परेशानी होती है और जहां तक कोरोना वायरस के बारे में जानकारी मिली है उसके अनुसार यह एक खास वायरस की फैमिली से संबंध रखता है। इसकी सबसे बड़ी बात यह है कि कोरोना वायरस का संक्रमण काल लगभग 14 दिन का होता है और जब तक इसका संक्रमण रोगी के अंदर दिखाई देता है, तब तक ये वायरस रोगी को पूरी तरह से अपने चंगुल में ले लेता है ।

चीन के वुहान शहर से शुरू हुआ कोरोना वायरस का कहर अब अपने देश हिंदुस्तान तक आ पहुंचा है, हालांकि यह बात यहां बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण है कि, अभी हमारे देश में कोरोना का संक्रमण प्रथम चरण में है और लगभग वह द्वितीय चरण की तरफ अग्रसर हो रहा है।

इस तरह से हम ये कह सकते हैं कि, अभी हमारे देश में कोरोना का प्रभाव अपने शुरुआती चरण में है, ये बात अपने आप में हम सभी के लिए राहत भरी तो हो सकती है, लेकिन जैसा कि हम सभी अच्छी तरीके से जानते हैं कि वायरस का संक्रमण कितनी तेजी से और किस तरीके से फैलता है और यही बात अपने आप में सबसे ज्यादा चिंताजनक है, हालांकि अभी तक की बात अगर की जाए तो अभी तक हमारे यहां कोरोना वायरस के संक्रमण से 3 लोगों की मृत्यु की सूचना प्राप्त हो चुकी है, लेकिन एक बात सत्य ही कही गई है कि, भय अपने आप में बहुत बड़ी चीज होती है और कभी-कभी ऐसा होता है कि, इंसान भय के चपेट में आ जाता है और उसी भय की वजह से बहुत कुछ खत्म हो जाता है, कुछ ऐसा ही हमारे देश में कोरोना वायरस के संक्रमण के साथ हो रहा है।

हमें यहां पर ये सोचना पड़ेगा कि आखिर किस तरीके से इस बने हुए भय के माहौल को हम दूर करें, अगर सवाल की बात की जाए तो सबसे महत्वपूर्ण सवाल जो हम सभी के सामने खड़ा हो रहा है कि, आखिर किस तरीके से और कैसे हमारे देश में कोरोना का संक्रमण पहुंचा, आखिर जो भी जिम्मेदार लोग हैं, जो भी जिम्मेदार विभाग है, उसके द्वारा समय रहते हुये उचित कार्रवाई क्यों नहीं की गई, लेकिन हम सभी ये जानते हैं कि हमारे यहां एक पुरानी परिपाटी चली आ रही है कि, हम सभी आग लगने के बाद उसको बुझाने का काम करते हैं और ठीक कुछ ऐसा ही कोरोना के संक्रमण के मामले में भी किया जा रहा है, कितना अच्छा होता अगर जिम्मेदार लोगों को इस बात का एहसास पहले हो गया होता कि अपने भी देश में कोरोना वायरस का संक्रमण फैल सकता है, लेकिन अफसोस जिम्मेदार लोगों को वो एहसास ना हो सका और उसी का नतीजा है कि आज हमारे देश में कोरोना वायरस का संक्रमण, वास्तविकता से कहीं ज्यादा भय के रूप में लोगों के बीच में अपनी जगह बना चुका है, हालांकि यह कहा जा सकता है कि शुरुआती चूक के बाद, विभिन्न सरकारी एजेंसी के सतर्क होने की वजह से कोरोना वायरस के संक्रमण के डर को नियंत्रण करने का प्रयास किया जा रहा है और उसमें काफी हद तक सफलता भी प्राप्त हुई है, लेकिन यहां पर एक सवाल अभी भी अपने आप में खड़ा हुआ है और बहुत ही महत्वपूर्ण सवाल है कि, विभिन्न एजेंसीज के द्वारा और जिम्मेदार अधिकारियों के द्वारा कहीं देर तो नही हो गइर्, क्योंकि आज की तारीख तक हमारे देश में लगभग 150 के आस-पास कोरोना से संक्रमित व्यक्तियों की पहचान हो चुकी है और लगातार उनकी संख्या बढ़ती चली जा रही है और ये बात अपने आप में सबसे अधिक चिंताजनक है।
हम सभी ये जानते हैं कि हमारा देश जनसंख्या की दृष्टि से विश्व में दूसरा स्थान रखता है और यही बात कहीं ना कहीं कोरोना वायरस के संक्रमण के मामले को और अधिक संवेदनशील बना रहा है, क्योंकि हम सभी जानते हैं कि जब तक हम खुद और समाज का हर एक व्यक्ति कोरोना वायरस के संक्रमण से संबंधित जानकारियों को जुटा पाएगा, जब तक समाज में संक्रमण के प्रति लोगों को जागरूक किया जाएगा, तब तक कहीं और ज्यादा देर ना हो जाए। लोगों के बीच जागरूकता के अभाव की वजह से जिन लोगों में संक्रमण की पहचान हो गई है उनको तो अलग कर दिया गया है, लेकिन वे लोग जो अभी भी भीड़ में छिपे हुए हैं, वे लोग जो किसी कारण वस सामने नहीं आ रहे हैं, ऐसे लोग जितनी वक्त, जितनी देर तक छिपे रहेंगे, उसी रफ्तार में करोड़ों लोगों के अंदर कोरोना वायरस के संक्रमण के फैलने की आशंका बनी रहेगी और यह बात सत्य है कि कहीं ना कहीं बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं जो भीड़ में छिपे हुये हैं और जिन्हें पहचानना बहुत मुश्किल हो रहा है, ये बात अपने आप में बेहद चिंताजनक है, बेहद गंभीर है और इस विषय को, इस गंभीरता को शब्दों में बयां कर पाना मुमकिन नहीं है। कोरोना वायरस के संक्रमण से संबंधित विषय पर इस बात का भी उल्लेख करना बहुत जरूरी है कि, समय रहते हुये केंदª की सरकार और विभिन्न राज्य सरकार के द्वारा कुछ कड़े फैसले लिए गए और ये स्पष्ट कर दिया गया की पूरे देश में कहीं भी कोई भी ऐसा आयोजन नहीं हो, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों के एक साथ इकट्ठा होने की संभावना बने, इसी के मद्देनजर विभिन्न राज्य सरकारों ने अपने यहां कोरोना के संक्रमण को महामारी घोषित कर दिया और उसके परिणाम स्वरूप विभिन्न शैक्षिक प्रतिष्ठानों को सिनेमाघरों को विभिन्न प्रकार के सरकारी और गैर सरकारी आयोजनों को रद्द कर दिया गया । हर तरफ जिधर भी देखो सिर्फ और सिर्फ कोरोना वायरस के संक्रमण से जुड़ी हुई बातें और खबरें ही सुनने को मिल रही हैं, लेकिन इस सभी के बीच में संक्रमित लोगों में से कुछ के ठीक होने की बात निकल कर सामने आ रही है और ये अपने आप में बहुत ही ज्यादा सुकून देने वाली बात है, क्यूंकि हम सभी ये जानते हैं कि कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिये अभी तक कोई भी दवा उपल्बध नही है, ऐसी परिस्थिति में संक्रमित लोगों का ठीक होना अपने आप एक बहुत बड़ी उपलब्धि है।

ऐसे में जब समूची दुनिया, कोरोना वायरस के संक्रमण के आतंक से जूझ रही है , ऐसी परिस्थिति में हम सभी को ये बात अच्छे तरीके से समझ लेनी चाहिये कि, किसी भी प्रकार के संक्रमण की स्थिति से निपटना अकेले सरकार के बस की बात नहीं, जब तक समाज में रहने वाले हर एक शख्स को इस तरह के जानलेवा संक्रमण से बचने के लिये जागरुक नही किया जायेगा, तब तक इस तरह के वैश्विक आपदा से किसी भी सूरत में बचाव संभव नही है ।

आज की तारीख में एक बात जो अपने आप में सिद्ध हो चुकी है कि जिस तरह से आज के तथाकथित आधुनिक समाज के लोगों नें प्रकृति के साथ खिलवाड़ किया है और इसी के परिणाम स्वरुप, आज कल समय-समय पर प्रकृति अपना रौद्र रूप हम सभी के सामने ला रही है और यही वो वक्त है जब हम सभी को ये सोचना पड़ेगा कि, अगर प्रकृति के साथ खिलवाड़ बंद नहीं हुआ, तो उसका परिणाम कितना भयावह हो सकता है इसका अंदाजा नही लगाया जा सकता और हमें ये कहने में बिल्कुल भी परहेज नहीं हो रहा है कि, अगर कोरोना वायरस का संक्रमण संसार के समस्त देशों में अपना विकराल रुप दिखा रहा है तो, इसके पीछे प्रकृति के साथ लगातार हो रहा खिलवाड़ एक बहुत बड़ी वजह है और ये हम सभी के लिये एक संकेत है कि, अगर प्रकृति के साथ हम लोगों ने इसी तरीके से खिलवाड़ जारी रखा, तो इसके विहंगम परिणाम आने वाले दिनों में हमारे सामने होंगे और हमारी पीढ़ियां हम सभी से ये सवाल करेगीं कि आखिर हमने उनके लिए क्या किया, कैसा माहौल, कैसा समाज, हमने उनको दिया है।

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