कोई भी धर्म कहीं खतरे में नहीं है

अपने आसपास नजर घुमाइये।
कोई भी धर्म कहीं खतरे में नहीं है।

हमारे खेत जंगल नदी पर्यावरण पारिस्थितिकी तंत्र भयंकर खतरे में हैं।
हमारे गांव, कस्बे, शहर के स्कूल, हॉस्पिटल, कॉलेज, सरकारी संस्थाएं, तंत्र भयंकर खतरे में हैं।

बचाना है तो खेतों को जंगलों को बचाइए।
नदियों को पारिस्थितिकी तंत्र को बचाइए।
स्कूल कॉलेज हॉस्पिटलों सरकारी तंत्र को बचाइये।

हमारा जीवनस्तर किसी भी धर्म को बचाने से नहीं सुधरेगा।
हमारा जीवनस्तर का सीधा सम्बन्ध शिक्षा स्वास्थ्य रोजगार खेती पर्यावरण से जुड़ा हुआ है।

किसी हिन्दू को जगाने की जरूरत नहीं और न हीं किसी मुसलमान को जगाने की जरूरत है।

अपने आसपास के युवाओं को जगाएं।
उन्हें खुद के लिये बेहतर शिक्षा प्राप्त करने के लिए जगाएं।
उन्हें बेहतर केरियर बनाने के लिए जगाएं।
उन्हें अपने आसपास के स्कूल कॉलेज हॉस्पिटल को बेहतर बनाने के लिए जगाइये।

धर्म को बचाने या हिन्दू मुसलमान को जगाने बचाने के चक्कर में कहीं ऐसा न हो जाये।
कि आपके खेत जंगल नदियां पर्यावरण मूलभूत अधिकार शिक्षा स्वास्थ्य भोजन के लिए काम करने वाली संस्थाएं ही खत्म हो जाएं।

इसलिए समझें और इन फितूरबाजियों को नजरअंदाज कीजिये।

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