आल इंडिया एससी एसटी एवं ओबीसी रेलवे एंप्लाइज एसोसिएशन आर.सी.एफ ने 72 वा संविधान दिवस मनाया

कैपशन-आल इंडिया एससी एसटी एवं ओबीसी रेलवे एंप्लाइज एसोसिएशन आर.सी.एफ द्वारा मनाये 72 वें गणतन्त्र दिवस का दृश्य

हुसैनपुर (समाज वीकली) (कौड़ा)- आल इंडिया एससी एसटी एवं ओबीसी रेलवे एंप्लाइज एसोसिएशन आरसीएफ की तरफ से 72 वा संविधान दिवस मनाया गया जिसमें श्री अशोक ब्सोत्रा एडवोकेट जे एंड के हाई कोर्ट जम्मू (अध्यक्ष सोशल मोमेंट ऑफ इंडिया नेटिव इंडियन फेडरेशन) मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ता के रूप में शामिल हुए। उनके साथ श्री धीरज कुमार थापा महासचिव, श्री विक्रम भोगल कोषा अध्यक्ष सोशल मूवमेंट ऑफ इंडिया जे एंड के, श्री गौरव अत्री एवं श्री यशपाल भट्टी समाज सेवक पठानकोट विशेष रुप से अतिथि के रूप में शामिल हुए जिनका आरसीएफ में पहुंचने पर जोरदार स्वागत किया गया।

इस प्रोग्राम में शामिल मुख्य अतिथि, अन्य विशेष अतिथि, एसोसिएशन के पदाधिकारियों, जागरूक सदस्यों व महिलाएं के द्वारा बाबा साहिब अंबेडकर को पुष्प अर्पण करने के बाद प्रोग्राम का आगाज त्रिशरण पंचशील एवं संविधान की प्रस्तावना के उपरांत शुरू किया गया। श्री पूरन सिंह पूर्व जोनल अध्यक्ष ने त्रिशरण पंचशील पर चर्चा के साथ उसका मतलब भी समझाया। श्री अरविंद प्रसाद कार्यकारी अध्यक्ष ओबीसी एसोसिएशन ने संविधान की प्रस्तावना के साथ इसकी सुंदरता पर चर्चा की। श्री धनी प्रसाद पूर्व जोनल अध्यक्ष ओबीसी एसोसिएशन ने कहा कि हमारा समाज भारतीय संविधान की बदौलत मिले अधिकारों का आनंद तो ले रहा है लेकिन सविधान को बचाने में असफल रहा है। संदीप सैनी ने संविधान में शामिल मौलिक अधिकारों के बारे में जानकारी दी।

श्री धर्मपाल पैंथर महासचिव अंबेडकर सोसायटी ने कहा कि हमें बाबा साहिब को तो मानते हैं लेकिन अभी तक हम लोगो ने बाबा साहिब की बात को नहीं माना जिस दिन हमारा समाज बाबा साहब की बात को मान गया उस दिन हमें शासक बनने से कोई नहीं रोक सकता। श्री उमा शंकर जोनल अध्यक्ष ओबीसी एवं श्री जीत सिंह जोनल अध्यक्ष एससी एसटी एसोसिएशन ने सांझे तौर पर बोलते हुए कहा कि बेशक भारत 15 अगस्त 1947 को आजाद हो गया लेकिन दबे कुचले समाज को आजादी 26 जनवरी 1950 से भारतीय संविधान लागू होने के बाद ही मिली है लेकिन हमें अफसोस है कि 72 साल के बाद भी स्ताधरी सरकारों के द्वारा संविधान को पुरणरूप से लागू ना किए जाने के कारण हमारे समाज को संविधानिक हक्क नहीं मिल पाए है।

श्री आर सी मीणा जोनल सचिव एससी एस्टी एसोसिएशन ने सभी का स्वागत करते हुए अपने विचार भी रखे। मुख्य अतिथि एडवोकेट ब्सोत्रा ने बोलते हुए कहा कि बाबा साहिब ने दबे कुचले समाज को वोट का अधिकार दिलवाने के लिए अपने परिवार का बलिदान तक दे दिया लेकिन हमारे समाज के लोग चंद सिक्कों या शराब की बोतल के लालच में आकर अपनी बेटी समान वोट को बेच देते है। ब्सोत्रा जी ने शूद्र वर्ण के सही मायने बताते हुए कहा कि ओबीसी एवं एससी एसटी समाज के पड़े लिखे लोगो को अब बिना देरी किए जात पात को खतम करते हुए एकजुट हो जाना चाहिए वरना पछताने के लिए भी समय नहीं बचेगा।

इस मौके पर पठानकोट से विशेष महमान श्री यशपाल भट्टी ने भी अपने विचार रखे। मंच का संचालन करने के साथ साथ रणजीत सिंह जोनल कार्यकारी अध्यक्ष एससी एसटी एसोसिएशन ने कहा कि अब ओबीसी एवं एससी एसटी के लोग फूले अंबेडकरकी विचारधारा को अपना रहे है जिसकी मिसाल यहां आर सी एफ में देखने को मिल रही है।अंत में एसोसिएशन के जोनल कोषाध्यक्ष सोहन बैठा ने सभी आए हुए मेहमानों का धन्यवाद किया। प्रोग्राम को सफल बनाने के लिए बौद्ध महा सभा से टी पी सिंह, श्रीमती टीपी सिंह, आर के पाल, श्रीमती पाल, मैडम पाल कौर, जोनल अतिरिक्त सचिव के सिंह, सीनीयर वाइस प्रधान श्री विजय कुमार, के एस खोखर, संधुरा सिंह, कृष्ण लाल जस्सल, ऑडिटर देस राज, बीर सिंह वड़ैच, जसपाल सिंह, मेजर सिंह, मुकेश मीणा,अशोक कुमार गौरव वर्मा राजेश कुमार यादव, राज कुमार भुलाना, मंगत राम भुलाना, लक्खी बाबू आदि ने अपना योगदान दिया।

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